गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ की जाती है। लेकिन इस दिन चंद्र दर्शन (Moon sighting) को वर्जित माना गया है।
पौराणिक कथाओं और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से माना जाता है कि गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा देखने से मिथ्या दोष लगता है, जिससे व्यक्ति पर झूठा आरोप लग सकता है।
पौराणिक कथा: चंद्र दर्शन वर्जित क्यों?
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार गणेश जी अपने वाहन मूषक पर सवार होकर लौट रहे थे। तभी चंद्रमा ने उनका उपहास किया। क्रोधित होकर गणेश जी ने चंद्रमा को शाप दिया कि जो भी गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन करेगा, उस पर झूठा आरोप लगेगा।
बाद में देवताओं और ऋषियों के अनुरोध पर गणेश जी ने शाप को शिथिल किया और कहा कि जो भक्त इस दिन सिंहासन कथा या गणेश चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करेगा, वह इस दोष से मुक्त हो जाएगा।
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ज्योतिषीय दृष्टिकोण से चंद्र दर्शन
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चंद्रमा मन और भावनाओं का कारक है।
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इस दिन चंद्र दर्शन करने से मानसिक अस्थिरता और झूठे आरोप लगने का खतरा बढ़ता है।
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यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा से संबंधित दोष (जैसे चंद्र–राहु या चंद्र–केतु का मेल) है तो यह और अधिक प्रभाव डाल सकता है।
इसलिए इस दिन विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और कथा सुनकर ही व्रत का समापन करना चाहिए।
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निष्कर्ष
Ganesh Chaturthi 2025: Why You Should Not Sight the Moon का रहस्य यह है कि यह केवल धार्मिक परंपरा ही नहीं बल्कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन चंद्र दर्शन से बचना चाहिए ताकि जीवन में अनावश्यक आरोप और बाधाएँ न आएं।
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