गणेश चतुर्थी और गणेश पूजा के अवसर पर सबसे पहले मोदक का भोग लगाया जाता है। इसे गणेश जी का प्रिय भोजन माना गया है।
मोदक केवल एक मिठाई नहीं, बल्कि ज्ञान, समृद्धि और संतुष्टि का प्रतीक है।
पौराणिक कारण: क्यों मोदक है गणेश जी का प्रिय?
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पौराणिक कथा – एक बार देवी–देवताओं ने माता पार्वती को दिव्य मोदक प्रदान किया। पार्वती जी ने यह मोदक अपने पुत्र गणेश और कार्तिकेय में से सबसे योग्य को देने का निर्णय किया। गणेश जी ने पूरे ब्रह्मांड की परिक्रमा करने के बजाय अपने माता–पिता की परिक्रमा की और मोदक प्राप्त किया। तभी से मोदक गणेश जी का सबसे प्रिय प्रसाद माना जाता है।
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ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक – मोदक का मीठा स्वाद ज्ञान और आध्यात्मिक संतुष्टि का प्रतीक है।
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समृद्धि का प्रतीक – मोदक का गोल आकार पूर्णता और समृद्धि को दर्शाता है।
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मोदक का आध्यात्मिक महत्व
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शांति और संतोष – मोदक भोग लगाने से मन को शांति और आत्मिक संतोष प्राप्त होता है।
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सकारात्मक ऊर्जा – पूजा के समय मोदक चढ़ाने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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मनोकामना पूर्ति – भक्त की हर मनोकामना शीघ्र पूरी होती है।
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निष्कर्ष
Why Modak Is Offered to Lord Ganesha: Mythological & Spiritual Meaning केवल धार्मिक मान्यता नहीं बल्कि गहरा आध्यात्मिक संदेश देता है। मोदक गणेश जी की कृपा प्राप्त करने और जीवन में संतोष, ज्ञान और समृद्धि लाने का प्रतीक है।
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